जल जीवन मिशन हर घर जल
मिशन की समीक्षा।
1 months ago
Written By: सुहेल सिद्दीकी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक उच्चस्तरीय बैठक में ‘जल जीवन मिशन-हर घर नल योजना’ की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की। बैठक में नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग, जल निगम और विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं के वरिष्ठ अधिकारियों ने विस्तृत प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की।
बैठक में विंध्य और बुन्देलखण्ड क्षेत्र के हर घर में नल से शुद्ध जल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 15 दिसम्बर, 2025 की समय सीमा तय की गई है। इस अवधि तक न केवल नल कनेक्शन लगाए जाने हैं, बल्कि थर्ड पार्टी ऑडिट भी करा ली जाए।
इसी तरह, फेज-2 व 3 की जो परियोजनाएं वर्तमान में 90 प्रतिशत तक पूर्ण हो चुकी हैं, उन्हें भी फेज-1 के अनुरूप 15 दिसम्बर तक पूरा करा लिया जाए। वर्तमान में 75 प्रतिशत तक पूर्ण हो चुके कार्यों का समापन मार्च, 2026 तक कराने का लक्ष्य रखा गया है।
हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाना Government of UP की सर्वोच्च प्राथमिकता है। यह योजना केवल पेयजल आपूर्ति का कार्यक्रम नहीं, बल्कि जन-स्वास्थ्य, महिलाओं की गरिमा और ग्रामीण जीवन की गुणवत्ता से सीधा जुड़ा मिशन है।
योगी ने कहा कि योजनाओं की समय-सीमा और गुणवत्ता, दोनों पर कोई भी समझौता स्वीकार नहीं होगा। कहीं भी किसी भी स्तर पर धनराशि की कमी नहीं होने दी जाएगी। इसके अलावा एनसीसी लिमिटेड, लार्सन एण्ड टुब्रो, मेघा इंजीनियरिंग, पीएनसी इन्फ्राटेक, आईसी इन्फ्रा, पावर मैक, कल्पतरु प्रोजेक्ट्स सहित अनेक एजेंसियों के प्रतिनिधियों से फील्ड में काम करने के दौरान आ रही चुनौतियों के बारे में जानकारी ली।
उन्होंने बताया कि राज्य में कुल ₹90,223 करोड़ की लागत की योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं, जिनमें 63 सतही स्रोत आधारित और 548 भूजल स्रोत आधारित योजनाएं शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि अब तक 85,364 गांवों के 1.98 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन प्रदान किए जा चुके हैं। वर्तमान में 34,274 गांवों में नियमित जलापूर्ति की जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अवगत कराया गया कि केन्द्र सरकार द्वारा जल जीवन मिशन की अवधि दिसम्बर, 2028 तक बढ़ाने और परियोजना लागत में वृद्धि करने का प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन है।
शिकायत निवारण प्रणाली के तहत राज्य द्वारा विकसित पोर्टल https://jalsamadhan.in को 13.5 करोड़ से अधिक बार देखा जा चुका है। पोर्टल पर 62,688 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 46,354 का निस्तारण हो चुका है। साथ ही, टोल फ्री नम्बर 1800-121-2164 के माध्यम से भी शिकायतें दर्ज की जा रही हैं।