गोमती तट की स्वच्छता को लेकर योगी की खास बैठक,
दिए निर्देश।
1 months ago
Written By: अरसद खान
लखनऊ । योगी आदित्यनाथ ने रविवार को लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर गोमती तट की स्वच्छता के सम्बन्ध में टेरिटोरियल आर्मी के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की।
बैठक में 'स्वच्छ, अविरल और निर्मल गोमती' के संकल्प को साकार करने की दिशा में ऐतिहासिक पहल करते हुए 'गोमती नदी पुनर्जीवन मिशन' की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि पीलीभीत से गाजीपुर तक प्रवाहित गोमती केवल एक नदी नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक चेतना, आध्यात्मिक विरासत और जीवनधारा की प्रतीक है। गोमती का पुनर्जीवन केवल जल शुद्धिकरण का नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और पर्यावरण के पुनर्संवर्धन का व्यापक अभियान है। यह मिशन पर्यावरणीय उत्तरदायित्व और भावी पीढ़ियों के प्रति हमारी साझा प्रतिज्ञा का प्रतीक बनेगा।
गोमती में एक बूंद सीवरेज न गिरे, इसके लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक रणनीति तैयार की जाए-
योगी ने कहा कि गोमती नदी किनारे बसीं अवैध बस्तियों में घुसपैठियों की पहचान कर विधिसम्मत कार्रवाई की जाए, ताकि गोमती के तटों पर स्वच्छता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
उन्होंने कहा कि गोमती नदी पुनर्जीवन मिशन' का दायरा पीलीभीत से गाजीपुर तक गोमती नदी के सम्पूर्ण प्रवाह क्षेत्र को कवर करेगा, जिससे गोमती अपने पूरे विस्तार में स्वच्छ, अविरल और निर्मल रूप पुनः प्राप्त कर सके।
उन्होंने कहा कि यह मिशन केवल प्रदूषण नियंत्रण तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि नदी के जैविक, सांस्कृतिक और सौंदर्यात्मक पुनर्जीवन का माध्यम बनेगा। कार्ययोजना के अन्तर्गत लखनऊ में इकाना वेटलैंड और साजन झील जैसे नए वेटलैंड विकसित किए जाएंगे। नदी किनारे के अवैध अतिक्रमणों को हटाने, घाटों के सौंदर्यीकरण और तटीय हरियाली बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाए जाएंगे।
बता दें कि राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के अंतर्गत इसी वर्ष जनवरी में गठित गोमती टास्क फोर्स में राज्य स्वच्छ गंगा मिशन के परियोजना निदेशक, सिंचाई विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जल निगम, लखनऊ नगर निगम, लखनऊ विकास प्राधिकरण तथा अन्य संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ विशेषज्ञों को भी सम्मिलित किया गया है। जिसमे बीबीएयू लखनऊ के प्रो. (डॉ.) वेंकटेश दत्ता और अतुल्य गंगा ट्रस्ट के सह-संस्थापक ले. कर्नल देवेन्द्र चौधरी (सेवानिवृत्त) प्रमुख रूप से सम्मिलित हैं।
उन्होंने योगी आअवगत कराया गया कि गोमती टास्क फोर्स द्वारा अब तक नदी तटों पर पैदल और नौका गश्त, एक हजार टन से अधिक जलकुम्भी की सफाई, नालों का सर्वेक्षण कर प्रदूषण स्रोतों की पहचान तथा 100 से अधिक जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से 70,000 से ज्यादा नागरिकों की सहभागिता सुनिश्चित की गई है।
उन्होंने बताया कि नदी योग अभियान’ के अंतर्गत 21 अप्रैल से 21 जून 2025 तक 5 प्रमुख घाटों पर प्रतिदिन योग, घाट-सफाई और जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित हुए, जिनमें 50,000 से अधिक नागरिकों ने भाग लिया और 300 टन से अधिक जलकुम्भी हटाई गई।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यह मिशन केवल सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि जनता की सहभागिता से संचालित एक संकल्प यात्रा बनेगा। इसके लिए जनप्रतिनिधियों के मार्गदर्शन में शैक्षणिक व अन्य सामाजिक संस्थानों की सक्रिय भागीदारी से व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाए जाएं, ताकि यह मिशन एक जन-आंदोलन का स्वरूप ग्रहण कर सके।