गैर जनपद ट्रांसफर के महीनों बाद भी कुर्सी पर जमे हैं थानाध्यक्ष ।
महीनों पहले हुआ ट्रांसफर, कुर्सी की मोहमाया बरकरार।
6 days ago
Written By: सुहेल सिद्दीकी
लखनऊ । राजधानी पुलिस महकमे में रसूख और पहुंच का खेल साफ नजर आ रहा है। कई थाना अध्यक्ष जिनका ट्रांसफर महीनों पहले गैर जनपद हो चुका है, वह अब भी अपने पुराने थानों को चला रहे हैं। आदेश के बावजूद कुर्सी पर जमे रहना यह दर्शाता है कि किस तरह से अफसरशाही और राजनीतिक संरक्षण के दम पर नियमों को ताक पर रखा जा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि कुछ थाना अध्यक्ष बड़े अधिकारियों की नजदीकी और राजनीतिक पैरवी के सहारे अपने तबादले को अमल में नहीं आने दे रहे। वहीं दूसरी ओर जिन थाना क्षेत्रों में ऐसे थानेदार जमे हुए हैं, वहां स्थानीय जनता लगातार शिकायत कर रही है कि थाना अध्यक्षों के रसूख के चलते कानून व्यवस्था पर भी नकारात्मक असर पड़ रहा है।
पुलिस विभाग के नियमों के मुताबिक किसी भी थाना प्रभारी का एक स्थान पर अधिक समय तक टिकना उचित नहीं होता, ताकि कार्यप्रणाली में पारदर्शिता बनी रहे। बावजूद इसके कई थानेदार अपने रसूख और गठजोड़ से वर्षों से एक ही थाने की कमान संभाले हुए हैं।
लोगों का कहना है कि जब ट्रांसफर आदेश जारी हो चुका है, तब इन थाना अध्यक्षों को तुरंत चार्ज छोड़ देना चाहिए। लेकिन उच्च अधिकारियों की चुप्पी यह बताती है कि कहीं न कहीं पूरा तंत्र इस खेल में शामिल है।