फागू शाह बाबा मजार पर प्रशासन का चला बुलडोजर ।
सिद्धार्थनगर जनपद के डुमरियागंज तहसील स्थित फागू शाह बाबा मजार का मामला।
3 months ago
Written By: अरसद खान
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण और सख्त कार्रवाई को अंजाम दिया है। डुमरियागंज तहसील में स्थित बड़िया फागू शाह बाबा की मजार को चारागाह भूमि पर अवैध रूप से निर्मित पाए जाने के बाद ध्वस्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई स्पष्ट संदेश देती है कि सरकारी संपत्तियों पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
डुमरियागंज में चला प्रशासन का बुलडोजर
सिद्धार्थनगर जिले की डोमरियागंज तहसील में प्रशासन ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। यहां चारागाह भूमि पर अवैध रूप से निर्मित बड़िया फागू शाह बाबा मजार को ध्वस्त कर दिया गया। यह कार्रवाई सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के अभियान का हिस्सा थी। प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि सार्वजनिक और चारागाह भूमि पर किसी भी प्रकार के अवैध निर्माण को बख्शा नहीं जाएगा।
अधिकारियों के नेतृत्व में सख्त कार्रवाई
इस ध्वस्तीकरण अभियान का नेतृत्व अपर जिलाधिकारी (ADM) गौरव श्रीवास्तव और अपर पुलिस अधीक्षक (ASP) प्रशांत कुमार ने किया। कार्रवाई के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। यह सुनिश्चित किया गया कि अभियान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो, और किसी भी तरह की बाधा उत्पन्न न हो।
मीडिया और जनता की पहुंच प्रतिबंधित
कार्यवाही के दौरान, प्रशासन ने क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को बेहद पुख्ता रखा। मीडिया कर्मियों और आम जनता को घटनास्थल से दूर रखा गया, ताकि वे अभियान में बाधा न डाल सकें और सुरक्षा व्यवस्था बनी रहे। पूरे क्षेत्र को सील कर दिया गया था और अधिकारी हाई अलर्ट पर थे, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि सरकारी निर्देशों का पूरी तरह से पालन हो।
अतिक्रमण के खिलाफ कड़ा संदेश
यह कार्रवाई उन सभी लोगों के लिए एक कड़ा संदेश है जो सरकारी जमीनों, विशेषकर चारागाह भूमियों पर अवैध रूप से कब्जा करने की कोशिश करते हैं। प्रशासन ऐसी संपत्तियों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और भविष्य में भी ऐसे किसी भी अतिक्रमण के खिलाफ सख्ती से निपटेगा। यह कदम कानून के शासन को बनाए रखने और सार्वजनिक भूमि के दुरुपयोग को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है।
सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर जोर
सिद्धार्थनगर प्रशासन ने इस अभियान के माध्यम से न केवल अवैध अतिक्रमण को हटाया, बल्कि कानून और व्यवस्था बनाए रखने की अपनी क्षमता का भी प्रदर्शन किया। अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया कि विकास और सुशासन के मार्ग में आने वाली हर बाधा को दूर किया जाएगा, और सार्वजनिक संपत्तियों की रक्षा हर हाल में की जाएगी।